मधुपुर
स्थानीय बावनबीघा, मंगलम सभागार में शुक्रवार को ग्रामसभा फेडरेशन का दो दिवसीय राज्य स्तरीय वार्षिक सम्मेलन का आयोजन संवाद द्वारा किया गया। ग्रामसभा फेडरेशन के प्रतिनिधियों ने वार्षिक लेखा-जोखा रखा। ग्राम सभा फेडरेशन चार जोन के प्रतिनिधियों ने पेसा कानून को लागू कराने, मनरेगा में काम और मजदूरी बढ़ाने, सुखाड़ की भयावह स्थिति और पलायन से निपटने के लिए सुखाड़ राहत योजनाएं चलाने की मांग सरकार से की। संथाल परगना जोन से ग्राम सभा फेडरेशन की राज्य संयोजिका एनी टूडू, ललिता देवी, साल्गे मार्डी ,मालती हेंम्ब्रम, वीणा वर्मा, सरिता मुर्मू, सुनीता मुर्मू पार्वती देवी मो. सैफ, अताउल, सागोरी, अबिश्वर हांसदा,भीख राम भगत ने राज्य में सुखाड़ की भावना स्थिति को देखते हुए तत्काल कल्याणकारी योजनाओं से जरूरतमंद लोगों को लाभान्वित कराने की मांग किया। ग्राम सभा फेडरेशन में नए सदस्यों को जोड़ा गया। मौके पर समाजकर्मी अबरार ताबिंदा ने कहा कि अधिकांश जिला भयंकर सूखा की चपेट में हैं। यह सूखा अकाल का रूप ले सकता है। सूखा से निपटने की तैयारी ग्राम सभा के माध्यम से सरकार करें। सब्जी की खेती , कम पानी की फसल उपजाना है।
ग्रामसभा फेडरेशन का दो काम है रचनात्मक और संघर्ष का काम। बहुत तेजी से मौसम का बदलाव आया है, सवा- डेढ़ महीना का जलवायु परिवर्तन आया है। किसानों को जैविक खेती बाड़ी को बढ़ावा देना होगा। महिलाओं को किसान का दर्जा के लिए एकजूटता से आवाज उठाना होगा। महिलाओं को उनका अधिकार मिलना चाहिए। गांव में किशोर-किशोरियों का संगठन बनाना है। लोकतंत्र की बुनियादी इकाई पंचायत, ग्राम सभा को मजबूत करना है। किशोरों के लिए खेती, किसानी, जंगल बचाने के लिए ग्रीन स्कूल बनाना है। जड़ी-बुटी केन्द्र का निर्माण कर इसका संगठन तैयार करना है। 1500 गांव में सशक्त ग्राम सभा तैयार करना है। अंतिम दिन राज्य के 15 जिला के 25 प्रखंड के सैकड़ों प्रतिभागी शामिल हुए। धन्यवाद ज्ञापन पंकज ने किया।