शहर में अमन और शांति बहाल रहे और किसी के साथ ज़ुल्म व ज्यादती न हो, साझा मंच की इस कोशिश का सिख समुदाय भरपूर ताऊन देगा। इस मौक़े पर क़ाबुल स्थित कर्त-ए-परवान क्षेत्र के गुरुद्वारा में हुए हमला की इस मीटिंग में निंदा की गयी और उसमें मारे गए लोगों के प्रति दुःख प्रकट किया गया।
विभाजन व विध्वंस की राजनीति से सुंदर समाज का विनाश होता है जिसे साझा प्रयास से ही बचाया जा सकता है। गुरू ग्रंथ साहिब का मूल संदेश है ,”अव्वल अल्लाह नूर उपाया, कुदरत के सब बंदे, एक नूरू ते सब जग उपज्या, कौन भले, कौन मंदे।” : सुधांशु शेखर
गुरुद्वारा पर हमला सिर्फ सिख समाज पर ही हमला नहीं बल्कि इस्लाम के मूल सिद्धांतों पर हमला है क्योंकि इस्लाम में कहा गया है कि तुम्हारा दीन तुम्हारा और मेरा दीन मेरा और दीन में ज़बर नहीं है। नबी सल्ल० ने ये तालीम दी है कि फसलों व किसी के ईबादतगाहों को तबाह मत करो। मैं लानत भेजता हूँ उन मुल्कों पर जो अपने अक़लियतों व इनके इबादतगाहों की हिफाज़त न कर सके : गयासुद्दीन उर्फ मुन्ना
*सुंदरता हो न हो सादगी होनी चाहिए,ख़ुशबू हो न हो महक होनी चाहिए,
रिश्ता हो न हो बंदगी होनी चाहिए,यूँ तो हर कोई उलझा है अपनी उलझनों में,सुलझाने की कोशिश होनी चाहिए: प्रो० हरमिंदर वीर सिंह*
हमारे ऊर्जावान युवकों को शिक्षित कर सही दिशा में समाज को सुदृढ़ किया जा सकता है : परमजीत जी
साझा मंच का साझा प्रयास व साझी वार्ता से ही समाज को बचाया जा सकता है : मथारू
हमारे समाज की प्राथमिकता ही सेवा है इसलिए हम सभी को शांति व सेवा का अनुसरण करनी चाहिए और गुरुद्वारा पर हमलावर विनाशकारी लोगों का कड़े शब्दों में निंदा करते हैं : गगनदीप सिंह सेठी
*घर में पड़ी माचिस की डिब्बी ने बताया,आग लगाने वालों की
क़ीमत दो कौड़ी की होती है :सागर जी*
इस मौके पर राकेश जी, फ़ादर टोनी, अंजुमन के सदर इबरार अहमद,महावीर मंडल के श्री जय सिंह यादव, सागर जी, सुधांशु जी, गुरु गोविंद स्कूल के जेनरल सेक्रेटरी परमजीत जी,अजय सिंह मथारू जी,गुरमीत सिंह जी, गयासुद्दीन, मतीउर रहमान, सरफ़राज अहमद सुड्डो, लड्डन खान, अरुण जी, जयंत पाण्डे जी,प्रोफेसर हरमिंदर वीर सिंह आदि लोग उपस्थित थें।