देवघर: नगर निगम क्षेत्र के रोहिणी पांडेय टोला में 1943 से चली आ रही वैष्णवी ज्येष्ठी दुर्गा पूजा का शुभारंभ निर्जला एकादशी तिथि से हो गया है। भगवती की आराधना व उनके दर्शन को लेकर भक्तों की भीड़ हो रही है। इससे पहले शोभा यात्रा भी निकाली गयी थी। ढोल नगाड़े व जय दुर्गे की जय घोष से वातावरण गुंजायमान हो गया। आचार्य उपेंद्र नाथ पांडेय के नेतृत्व में 10 पंडितों ने सामूहिक दुर्गा सप्तशती पाठ किया। या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै…से वातावरण गुंजायमान होता रहा। बुजुर्गों का कहना है कि एक बार पूरा गांव में हैजा फैल गया था। जीवधारी काल के गाल में समा गए थे। ठीक इसी समय एक भक्त को मां ने स्वप्न में आदेश दिया कि 18 भुजा वाली स्वरूप की पूजा से गांव में शांति होगी। उस व्यक्ति ने स्वप्न को सार्वजनिक किया उसी समय मां की पूजा प्रारंभ हुई। एक भव्य आकर्षक मंदिर बनवाया गया। पूजा का मुख्य आकर्षण कुमारी भोजन, फूलाहास, महा आरती और प्रसाद वितरण आदि आकर्षक रूप से होता है। 14 जून को हवन है। इस आचार्य उपेंद्र नाथ पांडे ने कहा कि जो भक्त मां के दरबार में सच्चे मन से हाजिरी लगाते हैं मां उनकी मनोकामना पूर्ण करती है।