जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को स्कूल ड्रेस मिलने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रबला खेस ने ड्रेस के सैंपल की जांच कर आपूर्ति का आदेश दे दिया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए धनबाद के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले एक लाख 86 हजार छात्र-छात्राओं को स्कूल ड्रेस दिया जाएगा। आपूर्ति करने वालों को प्रखंडवार आंकड़ा विभाग से उपलब्ध करा दिया गया है। राज्य परियोजना निदेशक ने इस संबंध में पहले ही राशि का आवंटन कर दिया गया है|
जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रबला खेस ने ड्रेस के सैंपल की जांच कर आपूर्ति का आदेश दे दिया है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को स्कूल ड्रेस मिलने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रबला खेस ने ड्रेस के सैंपल की जांच कर आपूर्ति का आदेश दे दिया है।
जागरण संवाददाता, धनबाद: जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को स्कूल ड्रेस मिलने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रबला खेस ने ड्रेस के सैंपल की जांच कर आपूर्ति का आदेश दे दिया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए धनबाद के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले एक लाख 86 हजार छात्र-छात्राओं को स्कूल ड्रेस दिया जाएगा। आपूर्ति करने वालों को प्रखंडवार आंकड़ा विभाग से उपलब्ध करा दिया गया है। राज्य परियोजना निदेशक ने इस संबंध में पहले ही राशि का आवंटन कर दिया गया है।
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विभाग से मिले आदेश में कहा गया है कि शैक्षिक सत्र 2021-22 की तरह ही कक्षा एक से आठ तक अध्ययनरत पात्र छात्र-छात्राओं के यूनिफार्म, स्वेटर, जूता-मोजा एवं स्कूल बैग के लिए धनराशि अगले शैक्षिक सत्र 2022-23 में भी दी जाएगी। बताते चलें कि जिले के सरकारी प्रारंभिक स्कूलाे में पढ़ रहे छात्र-छात्राओ काे स्कूल ड्रेस मिलना है।कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को एक जोड़ा जूता-मोजा सौ रुपए में खरीदना होगा। दो सेट ड्रेस 350 रुपए व एक फुल स्वेटर 150 रुपए में खरीदना होगा। इसके लिए कुल 600 रुपए दिए जाएंगे। कक्षा छह से आठ तक के बच्चों को दो सेट ड्रेस के लिए 400 रुपए, एक फुल स्वेटर 200 रुपए, एक जोड़ा जूता व मोजा 160 रुपए यानी कि कुल 760 रुपए मिलेंगे।
वहीं दूसरी ओर ड्रेस जूता-मोजा, स्वेटर क लिए मिलने वाली राशि ने अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी है। चिंता की बात यह है कि एक जोड़ा जूता-मोजा सौ रुपए में कहां मिलेगा। उसकी गुणवत्ता कैसी होगी। कितने दिन ऐसा जूता पहनकर स्कूल जा पाएंगे। सरकार इस मद में बाजार के अनुसार रेट क्यों नहीं निर्धारित करती है। बता दे कि प्राथमिक शिक्षा निदेशालय स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा निर्गत संकल्प संख्या 378 2019 के आलोक में योजनावार राशि का प्रावधान किया गया है।