एसीजेएम रवि कुमार दिवाकर को रजिस्टर्ड डाक से चिट्ठी भेजी गई है। इस संबंध में वाराणसी के पुलिस आयुक्त ने बताया कि एसीजेएम के पास मंगलवार दोपहर चिट्ठी पहुंची थी। इस संबंध में वरुणा जोन के डीसीपी मामले की जांच कर रहे हैं।
ज्ञानवापी प्रकरण में कमीशन की कार्यवाही (सर्वे) का आदेश देने वाले सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर को इस्लामिक आगाज मूवमेंट की ओर से धमकी भरी भाषा में पत्र मिलने के बाद उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पत्र में जज को संबोधित करते हुए लिखा गया है कि क्या आप मस्जिद को मंदिर घोषित कर देंगे। मंगलवार दोपहर रजिस्टर्ड डाक से आए दो पेज के पत्र की कमिश्नरेट पुलिस जांच कर रही है। सिविल जज सीनियर डिवीजन ने डीजीपी, अपर मुख्य सचिव गृह को भी पत्र की जानकारी दी है। एक माह पूर्व सर्वे का आदेश देने के दौरान ही जज ने सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी। सरकारी सुरक्षा का हवाला देते हुए पत्र में लिखा गया है कि आपको सरकारी मशीनरी का संरक्षण है, फिर आपकी पत्नी और माताश्री को डर कैसा?
नई दिल्ली स्थित बहादुर शाह जफर मार्ग के पते से आए पत्र में काशिफ अहमद सिद्दीकी ने खुद को इस्लामिक आगाज मूवमेंट का अध्यक्ष बताते हुए लिखा है कि अब न्यायाधीश भी केसरिया-भगवा रंग में सरोबार हो चुके हैं। फैसला हिंदुओं और उनके संगठनों को खुश करने के लिए सुनाते हैं और ठीकरा विभाजित भारत के मुसलमानों पर फोड़ते हैं। पत्र में कहा गया है कि सर्वे के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त होने पर तमाम अधिवक्ता और वादी पक्ष की महिलाएं मीडिया के सामने आकर, हम हिंदू हैं कहकर एक-दूसरे को मिष्ठान खिला रहे थे। आरोप लगाया गया है कि सभी भड़काऊ नारे लगा रहे थे। कोर्ट कमिश्नर मूकदर्शक बने हुए थे, क्योंकि आप काफिर बुतपरस्त (मूर्तिपूजक) हिंदू न्यायाधीश हैं। किसी भी काफिर मूर्तिपूजक हिंदू जज से सही फैसले की आशा नहीं की जा सकती है। लिखा है कि मस्जिद को मंदिर घोषित कर देंगे और मुगलों को आततायी लुटेरा बता देंगे। पत्र में यह भी लिखा है कि इसे सार्वजनिक कर दीजिए और हिंदू सहानुभूति लीजिए।
डीसीपी को सौंपी गई जांच
सिविल जज सीनियर डिवीजन की सुरक्षा में नौ पुलिसकर्मी लगाए गए हैं। समय-समय पर इसकी समीक्षा भी की जा रही है। रजिस्टर्ड डाक से आए पत्र सहित अन्य कागजात की जांच डीसीपी वरुणा आदित्य लांग्हे को सौंपी गई है। जज की सुरक्षा में नौ पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गए हैं।