रांची: भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का ट्वीट, झामुमो के कुछ बिचौलिये बाबूलाल मरांडी की संपत्ति की जांच की मांग कर रहे हैं. ये सोसल मीडिया में भ्रम की स्थिति फैला रहे हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मांग की है कि वे विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी की बेनामी संपत्ति की जांच एसआईटी से करायें. उन्होंने ट्विट किया कि- झामुमो के कुछ बिचौलिये बाबूलाल मरांडी की दुमका में संपत्ति की बात सोशल मीडिया पर लिखते हैं. इसलिए मुख्यमंत्री से गुजारिश है कि वे मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन कर इस मामले की जांच करायें. बाबूलाल मरांडी की बेनामी संपत्ति को तुरंत जब्त कर स्कूल, कॉलेज और अस्पताल खोलें. अपने ट्विट में निशिकांत दुबे ने यह भी लिखा है कि अगर संपत्ति जब्त करने में दिक्कत हो तो बाबूलाल मरांडी वहां खुद मौजूद रहकर दखल-कब्जा दिलाने में मदद करेंगे. आगे उन्होंने लिखा कि इस काम के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी और अपने परिवार की संपत्ति की जांच प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई को दें, साथ ही अपने चेलों की गलथेथरई बंद कराकर जेल भेजें.
बाबूलाल मरांडी का प्रहार सीएम हेमंत सोरेन हिम्मत है तो असली सरगना माफिया पर कार्रवाई करें
पूरे प्रकरण में बाबूलाल मरांडी ने सीएम हेमंत सोरेन पर जवाबी हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि संताल परगना में गरीबी के कारण कई संताल आदिवासी रैयत अपनी ही जमीन पर मजदूरी करने को मज़बूर हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन में हिमम्त है तो असली सरगना माफिया पर कार्रवाई करें. उन्होंने कहा कि डीजीपी इस मामले को खुद देखें. किसी भी रैयत के साथ नाइंसाफी नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा है कि दुमका में अवैध पत्थर खनन मामलों में जिन 45 जमीन रैयतों पर मुकदमा किया गया है, उनमें से 38 गरीब आदिवासी हैं. बड़े खनन माफिया और उसके सरगना को बचाने के लिए गरीब आदिवासियों को जिला प्रशासन बलि का बकरा बना रही है.