हाइलाइट्स
झारखंड की मांडर सीट से गंगोत्री कुजुर को बीजेपी ने बनाया कैंडिडेट
गंगोत्री कुजूर साल 2014 में मांडर सीट से जीत चुकी हैं चुनाव
2014 में बंधु तिर्की को हराया, इस बार उनकी बेटी से मुकाबला
गंगोत्री कुजूर, साल 2006 में राज्य सूचना आयोग में सूचना आयुक्त पद पर कर चुकी हैं काम
बीजेपी ने झारखंड की मांडर विधानसभा सीट (मंडार असेम्बली बएलेक्शन 2022) पर होने वाले उपचुनाव के लिए गंगोत्री कुजूर को पार्टी का प्रत्याशी घोषित किया है। गंगोत्री कुजूर (Gangotri Kujur) साल 2014 में भी मांडर विधानसभा सीट से चुनाव जीत चुकी हैं। यही कारण है कि पार्टी ने उन पर फिर से विश्वास जताया है। 1965 में जन्मीं गंगोत्री कुजूर साल 2006 में राज्य सूचना आयोग में सूचना आयुक्त के पद पर भी काम चुकी हैं। वो सबसे पहले रांची के बरियातू की स्थानीय कमेटी की सदस्य बनीं, फिर मंडल, महानगर अध्यक्ष होते हुए प्रदेश महिला मोर्चा में उपाध्यक्ष बनीं। अभी प्रदेश बीजेपी कार्यसमिति की सदस्य हैं।
2014 में बंधु तिर्की को हराया, इस बार उनकी बेटी से मुकाबला
बीजेपी कैंडिडेट गंगोत्री कुजूर ने साल 2014 में झारखंड विकास मोर्चा टिकट पर चुनाव लड़ रहे बंधु तिर्की को शिकस्त दी थी। हालांकि, 2019 के चुनाव में बीजेपी ने उनका टिकट काट दिया था। उस चुनाव में बंधु तिर्की जेवीएम से चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस में शामिल हो गए। फिर आय से अधिक संपत्ति मामले में 3 साल की सजा हो जाने के बाद बंधु तिर्की की विधानसभा सदस्यता खत्म हो गई। हालांकि, प्रदेश कांग्रेस में कार्यकारी अध्यक्ष होने के नाते बंधु तिर्की ने अपनी बेटी शिल्पी नेहा तिर्की को कांग्रेस पार्टी से टिकट दिलाने में कामयाबी हासिल कर ली। इस तरह से गंगोत्री कुजूर के सामने इस बार प्रत्यक्ष रूप से बंधु तिर्की की जगह उनकी बेटी गंगोत्री कुजूर उम्मीदवार होंगी।
साल 2019 में गंगोत्री कुजूर का कटा था टिकट
बीजेपी ने साल 2019 के विधानसभा चुनाव में गंगोत्री कुजूर का टिकट काट कर कांग्रेस से भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए पूर्व विधायक देवकुमार धान को टिकट दिया था। लेकिन वे बंधु तिर्की का मुकाबला करने में सफल नहीं हुए और यह सीट बीजेपी के हाथ से निकल गई। यही कारण है कि उपचुनाव में एक बार फिर से गंगोत्री कुजूर को उम्मीदवार बनाए जाने का फैसला लिया है।
6 जून को करेंगी नामांकन
बीजेपी प्रत्याशी के रूप में गंगोत्री कुजूर 6 जून को नामांकन दाखिल करेंगी। मांडर विधानसभा उपचुनाव के लिए 6 जून तक ही नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि है। 7 जून को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 9 जून तक नामांकन पत्र वापस लिए जाएंगे। 23 जून को मतदान और 26 जून को मतगणना होगी।
बंधु तिर्की की सदस्यता खत्म होने के कारण उपचुनाव
मांडर विधानसभा उपचुनाव विधायक बंधु तिर्की की विधानसभा सदस्यता खत्म होने के कारण हो रहा है। सीबीआई की विशेष अदालत ने मार्च महीने में बंधु तिर्की को आय से अधिक संपत्ति मामले में तीन साल की सजा सुनायी, जिसके कारण उनकी विधानसभा सदस्यता खत्म हो गयी और उपचुनाव की नौबत आ गई। बंधु तिर्की ने साल 2019 में जेवीएम टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन बाद में वे झाविमो के एक अन्य विधायक प्रदीप यादव के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए। वहीं जेवीएम प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने पार्टी का विलय बीजेपी में कराया, जिसके कारण विधानसभा अध्यक्ष के न्यायाधिकरण में दल-बदल का मामला भी चल रहा है।