Friday, November 1, 2024

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प्रभु भक्तों के विश्वास को पूर्ण करते हैं : आचार्य श्री कृष्ण मृदुल महाराज


मधुपुर

शहर के कुंडू बंगला स्थित मदर्स इंटरनेशनल अकादमी में आयोजित भागवत सप्ताह महोत्सव के चौथे दिन कथा विस्तार करते हुए गोस्वामी श्री मृदुल कृष्ण जी महाराज ने कहा कि प्रभु भक्तों के विश्वास को पूर्ण करते हैं। भक्त के भाव को, अपने इष्ट के प्रति भक्त की आस्था को केवल प्रभु ही समझ सकते है इसीलिए जीव को अपना दुख संसार के सामने नहीं केवल प्रभु के सामने ही प्रकट करना चाहिये। प्रभु पालनहार है, वे शरण में आये भक्त के सारे दुखों को हर लेते है। आचार्य गोस्वामी श्री मृदुल कृष्ण जी महाराज जी ने कहा कि भगवान का परम भक्त प्रहलाद, जिसे कि पिता हिरण्यकशिपु के द्वारा अति भयंकर कष्ट दिये गये। यहाँ तक कि श्री प्रहलाद जी को विष पिलाया गया। हाथी से कुचलवाया गया। अग्नि में जलाया गया। तरह-तरह की यातनाए दी गई परन्तु श्री प्रहलाद जी हर जगह अपने प्रभु का ही दर्शन करते थे। इसलिए उन्हें कहीं भी किसी भी प्रकार की पीड़ा का एहसास नहीं हुआ। उन्हें विश्वास था कि हमारे प्रभु सदा-सर्वदा सर्वत्र विराजमान रहते है। तो प्रभु श्रीनृसिंह भगवान भक्त के विश्वास को पूर्ण करते हुए खम्भ से प्रगट होकर यह दिखा दिया कि भक्त की इच्छा एवं विश्वास को पूर्ण करने के लिये वह कहीं भी किसी भी समय प्रगट हो सकते है।

प्रवचन करते आचार्य मृदुल कृष्ण शास्त्री
कथा श्रवण करते मुख्य यजमान श्याम सुंदर कलबलिया


आचार्य श्री ने कहा कि जीव को किसी की निन्दा स्तुति करने के बजाय भगवान की ही चर्चा करनी एवं सुननी चाहिये। प्रभु चरित्रों को श्रवण करने से भगवान का चिन्तन करने से की कृपा निश्चित रूप से प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि विशाल पेड़ जिस प्रकार छोटी सी कुल्हाड़ी से कट जाता है उसी प्रकार प्रभु के चरण कमल का स्मरण करने से जीव के सारे
पाप कट जाते है। इसके लिये उसे प्रभु की शरण में आना होगा। प्रभु की हर इच्छा, प्रत्येक लीला को प्रसन्नता से स्वीकार करने वाला ही सच्चा भक्त होता है। भक्त को अपने आदर सत्कार या सम्मान की कामना नहीं होती। वह तो हर कार्य प्रभु की सेवा समझकर करता है और ऐसी भावना को ही प्रभु स्वीकार करते हैं वह तो केवल भाव के भूखें हैं क्योंकि परमात्मा न तो साकार है न निराकार है वो तो भक्त की इच्छा के अनुसार तदाकार हैं। जैसे भक्त चाहता है उसे उसी रूप में प्रभु प्राप्त होते हैं। कथा प्रसंग में विशेष महोत्सव के रूप में श्री कृष्ण जन्म नन्दोत्सव विशेष धूम-धाम से मनाया गया। प्रभु के प्रगट होने पर गोपियाँ बधाई का सामान लेकर आई और व्यासपीठ भागवत् जी में चढ़ाया। चारों तरफ से यही आवाज गूंज रही थी नन्द के आनन्द भयो जै कन्हैया लाल की। सभी ने बधाई का प्रसाद प्राप्त किया। रविवार को श्री गिरिराज पूजन छप्पन भोग महोत्सव विशेष धूम-धाम से मनाया जायेगा।चौथे दिन की कथा में आरएसएस के राष्ट्रीय विचारक(भारतीय मीडिया में संघ का प्रतिनिधित्व) देशरत्न निगम ,एसडीओ सौरभ भुवानिया कथा श्रवण करने पहुँचे।

चौथे दिन की कथा में आरएसएस के राष्ट्रीय विचारक(भारतीय मीडिया में संघ का प्रतिनिधित्व) देशरत्न निगम ,एसडीओ सौरभ भुवानिया कथा श्रवण करने पहुंचे

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