कोपाला (कर्नाटक),। 72 वें गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली के लाल किले की घटना को लेकर देश के कई राज्यों में नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं। कर्नाटक के मंत्री बीसी पाटिल ने लाल किले की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कई गंभीर आरोप लगाए। कर्नाटक के कृषि मंत्री बीसी पाटिल ने मंगलवार को कहा कि गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली के लाल किले में किए गए कृत्य के पीछे आतंकवादी, खालिस्तानियों और कांग्रेस का हाथ था।
कर्नाटक के मंत्री बीसी पाटिल ने आगे कहा कि यह किसानों द्वारा किया गया विरोध नहीं लगता। यह आतंकवादियों द्वारा किया गया कृत्य था। इतिहास में इससे पहले कभी किसानों ने कानूनों का उल्लंघन नहीं किया। इस कृत्य के पीछे आतंकवादी, खालिस्तानियों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं का हाथ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नफरत करने वाले लोगों ने उन्हें अस्थिर करने की कोशिश की। पाटिल ने कहा कि सरकार विफल रही है और निराश है। वे इस अधिनियम में शामिल रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि लाल किले का अपना इतिहास है। लाल किले पर तिरंगा फहराना एक परंपरा है। एक किसान प्रधान मंत्री बनने के बाद झंडा फहरा सकता है, लेकिन उसने आज जो किया है वह एक आतंकवादी गतिविधि है। ये निहित स्वार्थ कुछ भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने किसानों की आड़ में सैनिकों पर हमला किया। पुलिस पर हमला करने वाले ये लोग किसान नहीं हैं। वे कांग्रेसी और आतंकवादी हैं। सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
दिल्ली में आंदोलनरत किसानों को आतंकवादी कहने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बेंगलुरु के हाई ग्राउंड पुलिस स्टेशन में पाटिल के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। किसानों के साथ भयंकर झड़पों के बाद मंगलवार को कुल 83 पुलिस कर्मी घायल हो गए, जिन्होंने नए खेत कानूनों के विरोध में ट्रैक्टर रैली आयोजित करने के लिए पुलिस बैरिकेड तोड़ दिए और शहर में मार्च किया।