नई दिल्ली, देश आज 72 वां गणतंत्र दिवस पूरे उत्साह और जोश के साथ मना रहा है। इस अवसर पर, राजपथ पर एक ऐतिहासिक परेड आयोजित की जाएगी, जिसमें पूरी दुनिया भारत की सांस्कृतिक विरासत और सैन्य ताकत को देखेगी। इस बार की परेड कई मायनों में खास होने वाली है। राफेल लड़ाकू विमान इसका मुख्य आकर्षण होंगे। गणतंत्र दिवस समारोह के मद्देनजर दिल्ली में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पूरी राजधानी एक अभेद्य किले में तब्दील हो गई है। जमीन से लेकर आसमान तक कड़ी नजर रखी जा रही है। पुलिस और पैरा मिलिट्री प्लेटफॉर्म पर तैनात हैं। सोमवार रात 12 बजे के बाद से दिल्ली की सभी सीमाओं को सील कर दिया गया है। जरूरी काम करने वालों को ही एंट्री मिलेगी।
गणतंत्र दिवस पर सशस्त्र बलों की झांकी के अलावा, 17 झांकी विभिन्न राज्यों की होंगी। केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों / विभागों की नौ झांकी और अर्धसैनिक बलों और रक्षा मंत्रालय की छह झांकी होंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय युद्ध स्मारक जाएंगे और वहां शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। वह फिर राजपथ पर जाएंगे और परेड की गवाही देंगे। परंपरा के अनुसार झंडा फहराने के बाद राष्ट्रगान होगा और 21 तोपों की सलामी दी जाएगी। तब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सलामी लेंगे। इसके बाद परेड शुरू होगी। बता दें कि इस बार परेड में कोई मुख्य अतिथि नहीं होगा। कोरोना महामारी के कारण ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने अपनी यात्रा रद्द कर दी है। इससे पहले 1952, 1953 और 1966 में गणतंत्र दिवस परेड के लिए कोई मुख्य अतिथि नहीं थे।
बांग्लादेश सैन्य बल की 122 सदस्यीय टुकड़ी भी नजर आएगी
राजपथ पर बांग्लादेश सैन्य बल की 122 सदस्यीय टुकड़ी भी दिखाई देगी। यह दल बांग्लादेश के मुक्ति योद्धाओं की विरासत को आगे बढ़ाएगा, जिन्होंने 1971 में उत्पीड़न और अत्याचार के खिलाफ लड़ते हुए स्वतंत्रता हासिल की थी। 1971 की लड़ाई में पाकिस्तान पर जीत का जश्न मनाने के लिए स्वर्ण विजय वर्ष का जश्न मनाना। इस युद्ध के बाद ही बांग्लादेश अस्तित्व में आया।
क्या देखने को मिलेगा पहली बार
राफेल फाइटर जेट्स द्वारा फ्लाईपास्ट के अलावा, इस बार राजपथ पर कोरोना वैक्सीन झांकी दिखाई जाएगी। लद्दाख की झांकी भी पहली बार देखी जाएगी। इसके अलावा, गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने वाली भावना कांत पहली महिला फाइटर पायलट होंगी। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में तैनात सैनिकों की भागीदारी भी लोगों को रोमांचित करेगी।
कोरोना के कारण बहुत चीजें देखने को नहीं मिलेंगी
कोरोना को देखते हुए, भौतिक दूरी के नियमों को सुनिश्चित किया गया है। थर्मल स्क्रीनिंग, सैनिटाइजर और फेस मास्क की भी व्यवस्था की गई है। इसके कारण केवल 25,000 लोगों को ही समारोह देखने के लिए राजपथ आने की अनुमति दी गई है। इस आयोजन में हर साल एक लाख से अधिक दर्शक शामिल होते हैं। इस साल परेड भी छोटी होगी। परेड लाल किले तक मार्च करने के बजाय नेशनल स्टेडियम में समाप्त होगी। लाल किले तक पहुंचने के लिए केवल झांकी की अनुमति होगी। मोटरसाइकिल के स्टंट भी नहीं दिखेंगे।