नई दिल्ली,। मिर्ज़ापुर वेब सीरीज में उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर ज़िले की गलत छवि आरोप लगते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मिर्ज़ापुर वेबसीरीज के निर्माता और अमेज़न प्राइम वीडियो को नोटिस जारी किया है। याचिका में सीरीज के कंटेंट को लेकर उठाये गए सवाल। ओटीटी प्लेटफार्म और सीरीज के निर्माताओं से माँगा कोर्ट ने जवाब। याचिका में कहा गया है कि मिर्जापुर का सांस्कृतिक मूल्य काफी समृद्ध है, लेकिन 2018 में एक्सेल एंटरटेनमेंट ने 9 एपिसोड के मिर्जापुर नाम से एक वेब सीरीज लॉन्च की, जिसमें उन्होंने मिर्जापुर को अवैध गतिविधियों वाला शहर दिखाया है, जो जिले की छवि खराब करता है।
मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले में संक्षिप्त सुनवाई के बाद केंद्र, एक्सेल एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड और अमेज़न प्राइम वीडियो को नोटिस जारी किया। सुजीत कुमार सिंह ने वकील बिनय कुमार दास के माध्यम से याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि यह लगभग 30 लाख आबादी और मिर्जापुर की समृद्ध संस्कृति का अपमान है। याचिका में कहा गया कि सरकार को एक शहर के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मूल्यों के खराब चित्रण पर अंकुश लगाने के लिए कुछ दिशानिर्देश तैयार करने चाहिए। मिर्जापुर एक ऐसी जगह है जहाँ गंगा नदी विंध्य रेंज से मिलती है। विश्व प्रसिद्ध विंध्याचल मंदिर, भारत के 108 शक्तिपीठों में से एक, मिर्जापुर जिले में स्थित है।
इससे पहले, उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में वेब श्रृंखला के निर्माता और been अमेज़ॅन प्राइम ’के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, कोतवाली थाने में अरविंद चतुर्वेदी नाम के एक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि ‘मिर्जापुर’ वेब श्रृंखला धार्मिक, सामाजिक और क्षेत्रीय भावनाओं को आहत करती है और सामाजिक सद्भाव को नुकसान पहुंचाती है। यह आरोप लगाया जाता है कि इस वेब श्रृंखला ने धार्मिक भावनाओं और विश्वासों को बहुत चोट पहुंचाई है। ‘मिर्जापुर’ वेब सीरीज पिछले साल रिलीज होने के बाद से विवादों में घिरी हुई है। मिर्जापुर की सांसद और अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने भी इसके खिलाफ जांच की मांग की। उन्होंने ट्वीट किया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को टैग करते हुए वेब सीरीज के खिलाफ जांच की मांग की थी।