नई दिल्ली, रियल्टी कंपनियों के संगठन क्रेडाई ने सरकार से आगामी बजट में कर छूट का दायरा बढ़ाने की मांग की है, ताकि घर की बिक्री में तेजी लाई जा सके। संगठन ने होम लोन की मूल राशि के भुगतान पर एक अलग छूट का भी सुझाव दिया। इसके साथ ही संगठन का यह भी सुझाव है कि होम लोन के भुगतान पर आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत उपलब्ध कर छूट की सीमा भी बढ़ाई जानी चाहिए।
गौरतलब है कि 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट पेश करने वाली हैं। कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) के देश भर में लगभग 20 हजार सदस्य हैं। संगठन की सिफारिश है कि रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (आरईआईटी) में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए कर प्रोत्साहन प्रदान किया जाए।
क्रेडिटई ने कहा, “रियल एस्टेट क्षेत्र पहले से ही परेशानी में है, इसने दो साल से अधिक समय से समस्याओं का सामना किया है। कोरोना वायरस महामारी ने अचल संपत्ति की समस्याओं को बढ़ा दिया है। पहले यह अस्तित्व के लिए संघर्ष करता था, अब यह क्षेत्र धीरे-धीरे ठीक हो रहा है। संगठन भी सुझाव देता है। धन की पहुंच और पुनर्भुगतान की लंबी अवधि डेवलपर्स को तरलता सुनिश्चित करने में मदद कर सकती है।
संगठन का कहना है कि मांग को बढ़ावा देने के लिए सस्ते आवास ऋण और आवास क्षेत्र में निवेश को कर-मुक्त होना चाहिए। उन्होंने कहा, “सस्ती कराधान, संयुक्त कराधान में सुधार और विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के कदम समय की मांग हैं”।
दूसरी ओर, चमड़ा निर्यात उद्यमियों को प्रोत्साहन की आवश्यकता है, उन्होंने बजट से भी उम्मीद की है। उद्योग को पहले चमड़े के उत्पादों के निर्यात के लिए मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट्स इन इंडिया स्कीम (MEIS) के तहत प्रोत्साहन प्राप्त हुआ था। पहले इसे पांच प्रतिशत पर रखा गया, फिर इसे तीन प्रतिशत किया गया।