Friday, November 1, 2024

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कल होगी सरकार के साथ नए कृषि कानून को लेकर बातचीत, ट्रैक्टर मार्च निकाल कर किसानों ने बनाया दवाब

नई दिल्‍ली,। किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच शुक्रवार को आठवें दौर की होगी बातचीत। इस बातचीत का निर्णय क्या होगा ये तो वक्त ही बताएगा लेकिन आज गुरुवार को किसान संगठनों ने दिल्ली एनसीआर के अलग अलग इलाको में ट्रैक्टर रैली निकल कर सरकार को अपना रुख दिखा दिया है। प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने कहा कि सरकार यदि मसले का समाधान नहीं निकालती तो आगे उनका आंदोलन और तेज होगा। उन्‍होंने कहा कि 26 जनवरी को हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से राष्ट्रीय राजधानी में आने वाले ट्रैक्टरों की प्रस्तावित परेड के लिए यह एक रिहर्सल था।

दिल्ली के आसपास ट्रैक्टर मार्च निकाला गया

किसानों ने हरियाणा में विरोध स्थल सिंघू, टिकरी और गाजीपुर सीमा और रेवासा में ट्रैक्टर रैली निकाली। भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहन) के प्रमुख जोगिंदर सिंह उग्राहन के अनुसार, किसानों ने 3500 से अधिक ट्रैक्टर और ट्रॉलियों के साथ मार्च में भाग लिया। किसानों ने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों पर सहमत नहीं हुई, तो 26 जनवरी को भी ट्रैक्टर परेड का आयोजन किया जाएगा। यह मार्च उसी का ट्रेलर है।

किसान आज आठवें दौर की बातचीत करते हैं

केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच शुक्रवार को आठवें दौर का आयोजन होना है। किसानों का कहना है कि सरकार को उनकी बात माननी होगी। सोमवार को किसान संगठनों और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच सातवें दौर की बैठक अनिर्णायक रही। अब तक की बैठकों में केवल दो मुद्दों पर सहमति हुई है। नए कृषि कानूनों को वापस लेने और एमएसपी पर अलग कानूनों को लागू करने की मांग के साथ पेंच फंस गया है।

यह डर किसानों के बीच बैठ गया है

किसान कृषि कानूनों को वापस लेने, फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी सहित अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। साथ ही, सरकार का कहना है कि नए कृषि कानून बिचौलियों की भूमिका को खत्म कर देंगे और किसान देश में कहीं भी अपनी उपज बेच सकेंगे। वहां विरोध कर रहे किसान संगठनों को डर है कि नए कानून से एमएसपी की सुरक्षा खत्म हो जाएगी और खेती बड़े कॉर्पोरेट हाथों में चली जाएगी।

26 जनवरी को निकालेंगे मार्च 

आंदोलन को 43वं दिन बीत चूका है लेकिन अभी तक इसका कोई हल नहीं निकला। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हमारे किसान भाइयों ने गुरुवार को ट्रैक्टर रैली निकालकर ट्रेनिंग ली ताकि 26 जनवरी के दिन ट्रैक्टर रैली की परेड निकाली जा सके। 26 जनवरी के दिन ट्रैक्टर और टैंक एकसाथ चलेंगे। ट्रैक्टर दो लाइन में चलेंगे और टैंक एक लाइन में चलेगा… 

महिलाएं ट्रैक्टर मार्च का नेतृत्व करेंगी

गुरुवार को आयोजित विरोध मार्च में बड़ी संख्या में महिलाओं को ट्रैक्टर चलाते देखा गया। सिंघू से टिकरी बॉर्डर, टीकरी से कुंडली, गाजीपुर से पलवल और रेवासन से पलवल तक ट्रैक्टर रैली निकाली गई। किसानों का कहना है कि महिलाएं गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर मार्च का नेतृत्व करेंगी। इसके लिए तैयारियां तेज हैं … बड़ी संख्या में महिलाएं ट्रैक्टर चलाने की ट्रेनिंग ले रही हैं।

मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है, अदालत ने चिंता व्यक्त की

इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने किसानों की सभा पर चिंता व्यक्त करते हुए कठोर टिप्पणियां की हैं। शीर्ष अदालत ने गुरुवार को केंद्र से सवाल किया कि क्या ये किसान कोराना संक्रमण से सुरक्षित हैं। कोरोना को नियंत्रित करने के लिए दिशानिर्देशों का पालन किया जाना चाहिए। सुनवाई के दौरान, शीर्ष अदालत ने केंद्र से कहा कि आप हमें बताएं कि क्या हो रहा है। अब इस मामले पर 11 जनवरी को सुनवाई होगी। वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कृषि कानूनों के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात कही है।

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